Saturday, September 26, 2015

पितृ दोष कारण-निवारण और श्राद्ध तर्पण

पितृ दोष कारण और निवारण - Pitru Dosha, How it forms and Pitra Dosha Remedies:

I already written about Pitra dosh long back, today only will tell you how to do worship in Shraadh which going to start from 28 sep 2015 to 12th October in this year. Many peoples demand this time in Hindi, so I am writing in Hindi.

Read below detailed article on Pitra dosh:
http://prateek8686.blogspot.in/2014/05/pitra-dosha-in-astology.html

What is pitra dosh and How Pitra Dosha Forms? , Check in below link:
पितृदोष कैसे बनता है? 

नवम पर जब सूर्य और राहू की युति हो रही हो तो पितृ दोष बनता है .शास्त्रो, ऋषियों के अनुसार पूर्व जन्म के पापों के कारण पितृ दोष (Pitra Dosha) बनता है . इसके अलावा इस योग के बनने के अनेक अन्य कारण भी हो सकते है. कुण्डली के नवम भाव को भाग्य भाव कहा गया है . इसके साथ ही यह भाव पित्र या पितृ या पिता का भाव तथा पूर्वजों का भाव होने के कारण भी विशेष रुप से महत्वपूर्ण हो जाता है .
पितृ दोष से ग्रसित व्यक्ति को दु: किसी किसी रुप में उसके साथ बने ही रहते है, फिर वे चाहें, संतानहीनता, नौकरी में असफलता, धन हानि, उन्नति होना, पारिवारिक कलेश आदि के रुप में हो सकते है .

पितृ दोष के कारण - What is Pitra Dosh? 

परिवार में अकाल मृ्त्यु हुई हों, परिवार में इस प्रकार की घटनाएं जब एक से अधिक बार हुई हों . या फिर पितरों का विधी विधान से श्राद्ध किया जाता हों, या धर्म कार्यो में पितरों को याद किया जाता हो, पूर्वजो का अपमान हुआ हो.


Kal sarpa dosh:


पितृ दोष शान्ति के उपाय - Pitra Dosh Remedies और श्राद्ध का तरीका

आश्विन मास के कृ्ष्ण पक्ष में पूर्वजों को मृ्त्यु तिथि अनुसार तिल, कुशा, पुष्प, अक्षत, शुद्ध जल या गंगा जल सहित पूजन, पिण्डदान, तर्पण आदि करने के बाद ब्राह्माणों को अपने सामर्थ्य के अनुसार भोजन, फल, वस्त्र, दक्षिणा आदि दान करने से पितृ दोष (Pitra Dosha) शान्त होता है.

पितृ दोष (Pitra Dosha) निवारण के अन्य उपाय Other Remedies for Pitra Dosha 

(1)
पीपल के वृ्क्ष की पूजा करने से पितृ दोष की शान्ति होती है . इसके साथ ही सोमवती अमावस्या को दूध की खीर बना, पितरों को अर्पित करने से भी इस दोष में कमी होती है . या फिर प्रत्येक अमावस्या को एक ब्राह्मण को भोजन कराने दक्षिणा वस्त्र भेंट करने से पितृ दोष कम होता है.

(2)
प्रत्येक अमावस्या को कंडे की धूनी लगाकर उसमें खीर का भोग लगाकर दक्षिण दिशा में पितरों का आव्हान करने उनसे अपने कर्मों के लिये क्षमायाचना करने से भी लाभ मिलता है

(3)
सूर्य नमस्कार और उनको जल देना और माँ गायत्री की पूजा सर्वोच्च उपाय है

(4)
सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) के दिन पितृ दोष निवारण पूजा करने से भी पितृ दोष में लाभ मिलाता है . आने वाले वर्षों में सोमवती अमावस्या की तिथिया निम्न हैं .
पितृदोष निवारण पितृशांति के उपाय:-
पितृदोष और पितृशांति के लिये श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करना सबसे उत्तम रहता है तथा पितृदोष और पितृशांति के लिए श्री कृष्ण चरित्र कथा श्रीमद्भागवत महापुराण का पाठ विद्वान ब्राह्मणों से करवाना चाहिए |

पितृदोष और पितृशांति के लिये सबसे पहले श्री कृष्ण ya विष्णु जी की पूजा करनी चाहिए और भगवद्गीता के 12 वें और 13वें अध्याय का पाठ, संकल्प के साथ करना चाहिए और इस पाठ को पितरों को समर्पित करना चाहिए |

इस मंत्र का जाप 1008 और आहुतियाँ देनी चाहिए :-

"ओम् नमो भगवते वासुदेवाय"

पितृदोष निवारण पितृशांति के उपाय के लिए इस मंत्र का भी जाप करे:

ऊँ श्री सर्व
पितृ दोष निवारणाय कलेशम् हं हं सुख शांतिम् देहि फट
स्वाहा: |

श्राद्ध कर्म में गया तीर्थ का स्मरण करते हुए 'ॐ गयायै नमः' तथा गदाधर स्मरण करते हुए 'ॐ गदाधराय नमः' कहकर सफेद पुष्प चढ़ाने चाहिए। साथ ही तीन बार 'ॐ श्राद्धभूम्यै नमः' कहकर भूमि पर जौ एवं पुष्प छोड़ने चाहिए।

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Regard’s,
Bhatt Prateek 

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