Saturday, January 9, 2016

पेड़ो की जड़ और ज्योतिष or Gems stone alternative

रत्नो का महत्व है, लेकिन महंगाई के इस दौर में ज्योतिषी द्वारा बताये हुए रत्न हर कोई नहीं पहन सकता, आप इनकी जगह पेड़ो की जड़े भी पहन सकते है(Supplements of gems). आज इसी पर मैं बताने जा रहा हुँ. रत्न पहनने से व्यक्ति की कुण्डली में कमजोर ग्रह बलवान होकर सकारात्मक उर्जा देने लगता है जिससे उसके जीवन में आने वाली बाधाओं में कमी आती है। ठीक उसी प्रकार से ग्रह से सम्बन्धित पेड़ की जड़ को अभिमंत्रित करके पहनने से कमजोर ग्रह मजबूत होकर शुभ फल देने लगता है।पेड़ो की जड़ और उनकी पत्तियों या फलों का सेवन ज्योतिष में बहुत हितकर मन गया है जैसे बेल सूर्य देव के लिए या उससे सम्बंधित पेट के बीमारियो के लिए रामबाण मन गया हैं.



सूर्य ग्रह के लिए रत्न का विकल्प - सूर्य की अशुभता को दूर करने के लिए किसी शुभ मुहूर्त में बेल की जड़ को खोदकर तत्पश्चात उसे सूर्य मन्त्र से अभिमन्त्रित करके लाल कपड़े में लपेट कर दाहिनी भुजा में बांधने से सूर्य अच्छा फल देने लगता है। कृत्तिका नक्षत्र वाले दिन बेल का एक जड़ प्रात:काल तोडक़र,शिवालय में शिवजी को समर्पित करें और ऊँ भास्कराय ह्रीं मंत्र का जाप करने के पश्चात गुलाबी धागे से धारण करें.

चन्द्र ग्रह के लिए रत्न का विकल्प - चन्द्र को बलवान करने के लिए किसी शुभ मुहूर्त में खिरनी की जड़ खोदकर रोहिणी नक्षत्र वाले दिन खिरनी की जड़, शुद्ध करके शिवजी को समर्पित करें और ऊँ श्रां श्रीं श्रौं :चंद्रमसे नम: मंत्र का जाप कर के सफेद धागे में धारण करने से चन्द्र अशुभता में कमी आती है।

मंगल ग्रह के लिए रत्न का विकल्प - मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए अनन्तमूल या खेर की जड़ को मृगशिरा नक्षत्र वाले दिन शुद्ध करके हनुमान जी की पूजा कर के ऊँ अं अंगारकाय नम: मंत्र का जाप कर के लाल कपड़े में लपेटकर  नारंगी धागे से धारण करें. क्रोध,अवसाद और वैवाहिक बाधा से मुक्ति मिलेगी

बुध ग्रह के लिए रत्न का विकल्प, विधारा की जड़ धारण करे. (मंडे पड़े व्यापार के लिए)
बुधवार के दिन हरे वस्त्र के साथ विधारा (आंधी झाड़ा) की जड़ को हरे धागे में पहनने से बुध के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं।बेटी-बहन और बुआ को कुछ मीठा खिलाये, साबुत हरे मूंग बुधवार को दान करे, बुधवार के दिन हरा चारा गाय माता को खिलाये. आप आश£ेषा नक्षत्र वाले दिन विधारा की जड़ गणेश भगवान को को समर्पित करने के पश्चात ऊँ बुं बुधाय नम: मंत्र का जाप कर के हरे रंग के धागे में धारण करें. इस से बुद्धि विकसित होगी तथ निर्णय लेने में हो रही त्रुटि का भी समाधान होगा.

गुरु ग्रह के लिए रत्न का विकल्प- गुरु ग्रह के लिए केले की जड़ या हल्दी धारण करे, पीले कपड़े में बांधकर पीले धागे में पुनवर्सु नक्षत्र वाले दिन कृष्ण भगवान या बृहस्पति देव जी की पूजा कर के ऊँ बृं बृहस्पतये नम: मंत्र का जप करके धारण करें. व्यवसाय,नौकरी,विवाह सम्बन्धी समस्या और लीवर सम्बन्धी रोगों में लाभ होगा. गुरु ग्रह की शुभता और आशीर्वाद के लिए बुजर्गो, विद्वानो का सम्मान करे. गुरुवार को नाखून काटे, बाल-कपडे धोये और उधार या पैसे की देनदारी से बचे.

शुक्र ग्रह के रत्न विकल्प- शुक्र देव को प्रसन्न करने के लिए स्त्रियों का सम्मान सर्वप्रथम है.शुक्र के लिए गुलर की जड़ को सफेद वस्त्र में लपेट कर भरणी नक्षत्र वाले दिन शुक्रवार को सफेद धागे सायंकाल के समय लक्ष्मी जी का पूजन कर ऊँ शुं शुक्राय नम: मंत्र का जाप कर के धारण करें. संतानहीनता,कर्ज की अधिकता और धन के अभाव जैसी समस्या से मुक्ति मिलेगी. गुलर की जड़ को शुक्रवार के दिन घर लाना चाहिए। और सफेद कपड़े में बांध कर पैसे रखने के स्थान पर रखें, धन धन्य में वृद्धि होगी

शनि देव के रत्न के विकल्प की - शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शमी पेड़ की जड़ को शनिवार के दिन नीले या काले कपड़े में बांधकर नीले धागे या काले धागे में धारण करना चाहिए।गले पहन सकते है।नियमित रूप से शमी वृक्ष की पूजा की जाए और इसके नीचे सरसों तेल का दीपक जलाया जाए, तो शनि दोष से कुप्रभाव से बचाव होता है.शमी का वृक्ष बड़ा ही मंगलकारी माना गया है. लंका पर विजयी पाने के बाद श्रीराम ने शमी वृक्ष का पूजन किया था.
किस ओर लगाएं शमी का वृक्ष
शमी का वृक्ष घर के ईशान कोण (पूर्वोत्तर) में लगाना लाभकारी माना गया है. इसमें प्राकृतिक तौर पर अग्नि तत्व पाया जाता है.शमी के पेड़ की पूजा. शनिदेव की टेढ़ी नजर से रक्षा करने के लिए शमी के पौधे को घर में लगाकर उसकी पूजा करनी चाहिए.

राहु के रत्न के विकल्प की- राहु के लिए सफेद चंदन का टुकड़ा नीले धागे में बुधवार या कुछ केसेस में शुक्रवार या शनिवॉर के दिन आद्र्रा नक्षत्र वाले दिन शिव जी का अभिषेक कर के धागे में ऊँ रां राहुए नम: मंत्र का जाप कर के धारण करें. रोग,चिड़चिड़ापन,क्रोध,बुरी आदतों तथा अस्थिरता से मुक्ति मिलेगी. दिन का किसी ज्योतिष को कुंडली दिखाने के बाद ही चयन करे.

केतु के रत्न के विकल्प की-  केतू ग्रह के लिए अश्वगंधा की जड़ अश्विनी नक्षत्र वाले दिन गणेश जी का पूजन करने के पश्चात शुद्ध की हुई असगन्ध या अश्वगन्धा की जड़, ऊँ कें केतवे नम: मंत्र का जाप करने के पश्चात, नारंगी धागे से धारण करें. चर्म सम्बन्धी रोग,किडनी रोगों और वैवाहिक समस्याओं में लाभ होगा. नीले धागे या काले धागे में गुरुवार या शनिवार धारण करे, दिन का किसी ज्योतिष को कुंडली दिखाने के बाद ही चयन करे.

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Regard’s,
Bhatt Prateek 

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Saturday, December 12, 2015

Rahu in Punarvasu Nakshatra

Punarvasu nakshatra is one of the gifted nakshatra of god, I saw and feel many times this naksahtra always takes extra advantage of blessings of God. Punarvasu Nakshatra comes under in the domain of planet mercury (Gemini 20° 00’) and moon (Cancer 3° 20’) ruled by planet Jupiter.

Punarvasu which means Good Again, Bounce Back, Rich Again, Wealthy Again,‘’The Star of Renewal’’.
All of them say is return to riches and back to position after several setbacks.

Punarwasu govern by Jupiter so obviously it will give something better in life.This nakshatra represented by Arrow.
These arrows have divine power to return back once they finish their goals (ruled by Jupiter governed by mercury).

Aditi the mother of 12 aditya’s is deity of this passive naksthra where aditi is unbounded. Often seen as goddess of abundance, Aditi is mother of space and without space there is nothing no time no motion nothing. Aditi rulership to punarvasu shows this naksthra has to do to material things caring sensitive reasonable accommodation approach to things situations circumstances

Punarvasu gives souls a Chance to redeem themselves from whatever negative actions they might have done in the past

Its relationship with Aditi, mother of all the gods, Punarvasu is a very nurturing nakshatra, which always gives a second Chance

One Strange quality of Punarvasu is that everything happens in two goes for the natives under its strong influence. They almost always tend to fail or not get far in their first attempt in any pursuit, but the good part is that they almost always succeed if they try a second time but rahu presence here makes success easily.

Rahu in Punarvasu deals with the wandering mind and gives expansion in life.

Rahu in Punarvasu Nakshatra Pada 1: Rahu in pad 1 gives energy to work hard for achieve their goals. This Falls in Aries Navamsa and is ruled by Mars. This pada relates to the moveable, adventurous and pioneering side of Punarvasu. Rahu here gives fire brand leader who are  very clever to covert opportunity into success.

Rahu in Punarvasu Nakshatra Pada 2:  This is best pada for rahu to do well in media/entertainment/Fashion/glamour/art industry. This Falls in Taurus Navamsa ruled by Venus. This pada relates to the materialistic, aspect of life. This is luxury oriented and enjoys group of females. Women, wine and luxury are most important for those. They earns huge amount of health and fulfils their dream and luxury desire.

Rahu in Punarvasu Nakshatra Pada 3: Best placement again to dealing with peoples in public domain. These peoples are good speaker and very witty in public domain. They possess huge success in life after age of 32. This Falls in Gemini Navamsa ruled by Mercury so mercurial intelligence will be there. This pada focus on mental activities, imagination and science. They are scholar in studies and do well in professional life.

Rahu in Punarvasu Nakshatra Pada 4: This rahu gives emotional nature and they takes advantage of others emotion. This Falls in Cancer Navamsa ruled by Moon. This pada is a maternal, nurturing and serve to mankind pada, which brings out the mothering quality of Punarvasu to the fullest. Rahu in this nakshatra depends on moon placement much.

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Bhatt Prateek 

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