Thursday, September 17, 2015

हस्त रेखा चिन्ह Sign in Plamistry

त्रिशूल चिन्ह एक और अतिशुभ और भाग्यवर्धक चिन्ह माना गया है, (चित्र में देखे) Trishul in Hand
ये चिन्ह सामान्यतया कुछ जगह पर बनता है लेकिन अगर ये सूर्य पर्वत पर बने तो अति शुभ चिन्ह धन नाम शोहरत के लिए !! त्रिशूल प्रसिद्धि धन को दर्शाता है , राजनीती के लिए भी चिन्ह बहुत महत्वपूर्ण है, त्रिशूल का संबंध भगवान शिव से है। ऐसे व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होते है।
Read more about palmistry in below link:

1) यदि त्रिशूल चिन्ह सूर्य पर्वत पर बने तो राजनीती में बड़ा पद, ऐसा व्यक्ति कही भी हो बड़े पद पर आसीन रहता है.....
) यदि भाग्य रेखा तीन शाखाओ में बट कर गुरु, शनि और सूर्य पर्वत पर जाकर त्रिशूल बने तो आती उत्तम 
) यदि सूर्य रेखा या पर्वत में त्रिशूल का चिन्ह बना हो तो इस राजयोग के प्रभाव से व्यक्ति को नाम, पैसा और सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं।
)यदि हृदय रेखा गुरु पर्वत तक जा रही हो और अंत में त्रिशूल का चिन्ह बना हो तो उसे व्यक्ति को राजयोग रहता है। जीवन में धन धान्य हर प्रकार का सुख रहता है।
5)
मैंने ये चिन्ह उच्च सरकारी पद और सॉफ्टवेयर इंजीनियर या उससे रिलेटेड काम करने वालो के में देखा है, ये धन का सूचक है
 
Triangle in Hand
भाग्य और त्रिभुज चिन्ह, एक और महत्वपूर्ण चिन्ह की बात करते है आज, जानिए त्रिभुज चिन्ह का हमारे भाग्य पर क्या प्रभाव पड़ता है? Triangle in Hand

Most Important Transit of 2016:

1) यदि त्रिभुज भाग्य रेखा की सहायता से बने तो अति शुभ हो जाता है, प्रचुर धन और सम्मान
2)
हथेली में जितना बड़ा त्रिभुज होगा उतना ही लाभदायक होगा।
) एक से अधिक त्रिभुज मतलब मान सम्मानऔर धन कम आयु में आसानी से 
) यदि त्रिभुज लहरदार रेखाओ से और असपष्ट हो तो ऐसा व्यक्ति अच्छी मानसिकता का नहीं होता


                              Fish in Palmistry

मछली चिन्ह और धनुष के चिन्ह को शुभ माना जाता है यह प्रचुर धन और प्रसिद्धि मध्य आयु में देता है ..... मछली का चिन्ह ज्यादातर मणिबंध के पास बनता है जिसके आस पास केतु का प्रभाव रहता है इसीलिए इसे अध्यात्म के साथ भी जोड़ा गया है. व्यक्ति के हाथ में जहाँ भी यह चिन्ह पाया जाता है उसी क्षेत्र से संबंधित विषयों को लेकर व्यक्ति महत्वकांछी रहता है,ऐसे लोग किसी किसी तरह से जनता से ज़रूर जुड़ते है .इन सब बातो के साथ भग्य रेखा का बल और कुछ बेसिक्स पर भी ध्यान दे.... देखिये चित्र से अपने हाथो में Fish in Hand




Read all lines in Palmistry:

ज्योतिष बेसिक: आज भी लोग धन के कारक में बहुत भ्रमित रहते है 
गुरु से धन संचय और स्थिरता के साथ उसका आना देखिये और शुक्र से सांसारिक सुख और उस धन का उपभोग ..बहुत लोग धन होने पर भी उपभोग नहीं कर पाते, क्योकि शुक्र की कमजोरी होने के कारण.. शुक्र आसानी से और गुरु मेहनत से धन देता है

धन के लक्षण कुछ हस्त रेखा में:: 
1- स्पस्ट भाग्य रेखा के साथ छोटी ही सही सूर्य रेखा. अच्छे धन का संकेत है.

2- भाग्य रेखा का शनि पर्वत तक जाना, भाग्य रेखा का जीवन रेखा से दूर होना भी संपत्ति का लक्षण है.ऐसे जातक अपने ही तरीके से या अलग तरीके से अथाह कमाते है 

3- जीवन रेखा और मश्तिस्क रेखा अलग अलग हो, तो जातक को पैतृक संपत्ति का लाभ मिलता है. जातक स्वंत्रत होकर बहुत कमाता है 

4- मस्तिष्क रेखा स्पस्ट और निर्दोष हो, शुक्र उन्नत हो तो धनवान बनने के प्रबल योग हैं.
जारी ............

हस्त रेखा विज्ञान :: बहुत से हाथो में बहुत मजबूत भाग्य रेखा सीधी, लम्बी देखते हुए भी लोग आम ज़िन्दगी जीते है... कारण है कुछ अविकसित पर्वत, उंगलिया और अंगूठा और ख़राब चन्द्र पर्वत ऐसे लोग की ज़िन्दगी के भावनात्मक उलझनों की वजह से ही कुछ खास हासिल नहीं करने देता,, अगर सीधे मजबूत भाग्य रेखा के साथ एक छोटी से ही सूर्य रेखा हो जाये तो क्या कहने, नाम पैसा सब ........Many people lives an average and unsuccessful life, even they have a good, strong and long luck line. The reason for such conditions is they have an unbalanced Hand. The Mounts, Fingers and Thumb are not normally developed....But in hand one small sun line is enough to support luck.....

ये राहु तो छलावा है दिखावा है बहकावा है सब मिथ्या है !!!!
राहु ने बनाया राहु ने उठाया , राहु ने रातो रात नाम भी फैलाया 
अब राहु ने ही गिराया , सब नेस्तनाबूत भी कराया
सूर्य गुरु का महत्व इसीलिए बहुत अधिक है, ज़िन्दगी में सब संतुलन के साथ देते है ये दोनों....

सत्य कथन ::::: पेड़ की शाखा पर बैठा पंछी कभी भी इसलिए नहीं डरता कि डाल हिल रही है, क्योंकि पंछी डाली में नहीं अपने पंखों पर भरोसा करता है

हर सुबह मैं अपनी आँखे खोलता हूँ उस भविष्य को सँवारने के लिए जो मेरे लिए खास है, हर रात मैं अपनी आँखे बंद करताऔर देखता हूँ कि मेरा लक्ष्य थोड़ा और मेरे पास है!!!!!!

हम सूर्य का उजाला तभी देख पाते है 
जब हमने रात को गुजारा हो ............

Rahu in Ashwini Nakshatra:

 श्री कृष्णा द्वारा गीता में ........ जिंदगी का सार छुपा है इन पक्तियों में
"तू जो चाहता है वो तू करता है, पर होता वही है जो मैं चाहता हूँ  तू वो कर जो मैं चाहता हूँ, फिर होगा वही जो तू चाहता है" 


ज़िन्दगी से वफ़ा कर लीजिये या ज़िन्दगी आप से वफ़ा कर ले !!
इन दोनों में से अगर एक वफ़ा भी हो जाये तो कुछ हो हो, लेकिन ज़िन्दगी बन जाती है 
--------- प्रतीक भट्ट की कलम से


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Regard’s,
Bhatt Prateek 

Sunday, September 6, 2015

Rahu in Bharani Nakshatra

Bharini nakshatra ruled by Venus and Venus effects easily can be seen on those peoples Life. These people medium height, hardworking, courageous, pioneering, proud, confident, and have good health. They have interested in accumulating wealth, luxurious life and easy gains.
Bharani Nakshatra is the expression of Lord Yama's supremacy enclosing the surface from 13.20 degrees to 26.40 degrees which is ruled by planet Venus. Bharani Nakshatra is the expression of supreme truth, intense purity, determination, luxury, masses and loyalty.


Rahu in Bharani Nakshatra pada 1: Bharini falls in Leo navamsa ruled by Sun. It relates to creativity, self-centric and has ambitious nature. They have strong will-power is positive side of this Nakshatra. Rahu in this pada shows suspicious nature while trying to build trust with others. These people will believe in giving and receiving love, they do sacrifice themselves for the people who they care most about. Rahu in bharini nakshatra is good politics and mass fame. If your Saturn is well placed in horoscope, you can expect even better results. 

Rahu in Bharani nakshatra pada 2: Bharini falls in Virgo navamsa ruled by Mercury. It relate to communication related service and work. Good organizational skill is seen here and business oriented side of the Nakshatra. These peoples are good communicator and writer. Career gives great opportunity to these peoples; people can get inherited wealth of others. They make good employees and are quite lucky in career matters as well. Early success can be expected in career.
Rahu mahadasha will give great results, your career graph and wealth will rise in rahu mahadasha if well placed. There may be health problems related to skin if there are other malefic combinations in the horoscope. 

Rahu in Bharani nakshatra pada 3: Bharini falls in Libra navamsa ruled by Venus. This symbolize balanced nature, these peoples are most luxury oriented. They want love and always live life with beautiful partners, sometimes multiple life mates. Being a pushkara navamsa pada it allows for fulfilment of one's desires. It's better to have your spouse run your business, or have the business under their name.
Whenever luxury is more than easy-going nature will come, so education graph lacks on these peoples but career and religious nature will give immense wealth. They are dreamy and may be lost in thoughts and fantasies. They are very good poet with managerial nature.

Rahu in Bharani nakshatra pada 4: Bharini these people medium height, hardworking, courageous, proud, confident, and have good health. They have interested in sports, hunting, and firework. People born under the pada 4 of Bharani nakshtara might take advantage of others to gain wealth and luxury. They might try to seek short cuts in life to achieve their success which might give them a cunning character. Overall, this Rahu will give you name and fame in society for your sober and helpful nature. Internally, you will be anxious and scared from some unknown fears. 

27 नक्षत्रो की कड़ी में भरणी को द्वितीय नक्षत्र माना जाता है। इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र ग्रह होता है। जो व्यक्ति भरणी नक्षत्र में जन्म लेते हैं वे सुख सुविधाओं एवं ऐसो आराम चाहने वाले होते हैं। इनका जीवन भोग विलास एवं आनन्द में बीतता है। ये देखने में आकर्षक सुन्दर होते हैं। इनके जीवन में प्रेम का स्थान सर्वोपरि होता है। ये विपरीत लिंग वाले व्यक्ति के प्रति आकर्षण एवं लगाव रखते हैं।नक्षत्र में जन्में जातक पर मंगलशुक्र का प्रभाव जीवन भर पड़ेगा जहाँ ऊर्जासाहस महत्वाकांक्षा देगा। वहीं शुक्र कलासौंदर्य धन  सेक्स का कारण बनता है। 
भरनी नक्षत्र के जातक उर्जा से परिपूर्ण रहते हैं। ये कला के प्रति आकर्षित रहते हैं, ये दृढ़ निश्चयी एवं साहसी होते हैं। इस नक्षत्र के जातक जो भी दिल में ठान लेते हैं उसे पूरा करके ही दम लेते हैं। 

जो व्यक्ति भरणी नक्षत्र में जन्म लेते हैं वे विलासी होते हैं। अपनी विलासिता को पूरा करने के लिए ये सदैव प्रयासरत रहते हैं और नई नई वस्तुएं खरीदते हैं। ये साफ सफाई और स्वच्छता में विश्वास करते हैं।ये कवि के समान होते है।  ये नैतिक मूल्यों का आदर करने वाले और सत्य का पालन करने वाले होते हैं। ये रूढ़िवादी नहीं होते हैं और ही पुराने संस्कारों में बंधकर रहना पसंद करते हें। ये स्वतंत्र प्रकृति के एवं सुधारात्मक दृष्टिकोण रखने वाले होते हैं। इन्हें झूठा दिखावा पाखंड पसंद नहीं होता। भरणी नक्षत्र में जन्म होने से जातक सत्यवक्ताउत्तम विचार वालाअपने वचन को पूरा करने वालादृढ़प्रतिज्ञरोगरहितचतुर और सुखी होता है। 

इनका व्यक्तित्व दोस्ताना होता है और मित्र के प्रति बहुत ही वफादार होते हैं। ये विषयों को तर्क के आधार पर तौलते हैं जिसके कारण ये एक अच्छे समालोचक होते हैं। इनकी पत्नी गुणवंती और देखने व्यवहार मे सुन्दर होती हैं। इन्हें समाज में मान सम्मान और प्रतिष्ठा मिलती है।

Remedies for Rahu in bharani Nakhatra
  • Do worship of lord Shiva.
  • Do worship of Hanuman and Devi Durga.
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Bhatt Prateek 

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