आडवानी
जी या मोदी जी
आज सोचा की मोदी
जी और आडवानी जी कुंडली पर कुछ चर्चा करी जाये बहुत दिनों से लोग आग्रह कर रहे थे,बहुत मेसेज और रिक्वेस्ट पड़ी हुई थी मोदी जी के प्रधानमंत्री पद के बारे में
लोग बराबर पूछते की २०१४ किसका तो आज मैंने इसकी विवेचना करना उपयुक्त समझा.आपके
प्यार और सहयोग से आज शुरू करते आडवानी जी और मोदी जी कुंडली पर एक विशेष !!!!!!!
सब कुछ हरा है
सावन का महीना है .उधर केदारनाथ पर भोले का तांडव थमने का नाम नही ले रहा.इधर
राजनीतिक गलियारों की हलचल भी थम नहीं रही. मुद्दे है , समस्याए है भोले भी क्रोधित है उधर ‘मौन
मोहन सिंह भी मौन’ .ये तो साहब भारत है ,ज़माने से यही होता आ रहा ,हम लूटे ही गए है पर फिर भी नेता कहने से बाज नहीं आते की
हम गरीब देश है.वाह भाई वाह अँगरेज़ ऐसे ही २०० साल कब्ज़ा ज़माये रहे क्योकि हम गरीब
थे .आज ऐसे ही नेता जी अरबो पीकर कहते है की हम तो गरीब है.ये इस देश का दुर्भाग्य
है की हम कभी भी दिशा और दशा सुधार नही पाए.चलिए चर्चा को मूर्त रूप देते है और आज
मुद्दा लेते है आडवानी या मोदी .
एक तरफ भारतीय राजनीती का सबसे कद्दावर नेता है तो
दूसरी तरफ भारत की जनता मुह
बाये विकास पुरुष मोदी की तरफ आस भरी नज़र से देख रही है.ये वो दौर है जहा आडवानी अकेले
पड़ते दिखाई दे रहे इसे वक़्त का फेर ही कहंगे की एक इशारे से मोदी की गद्दी बचाने
वाले आडवानी जी आज लाचार नज़र आ रहे. ऐसा नही है की मैं आडवानी जी को आगे कर रहा हु मैं बस जो उनकी कुंडली में दिख रहा वो बयां कर रहा हु. उनके बारे में
सिर्फ यही कहूँगा, ”भारत का और भारतीय राजनीती का
सबसे तपस्वी राजा “.पूरे देश को ६ बार नापना किसी की लिए भी आसान नही था न अटल जी के लिए न ही
मोदी के लिए .भारत को ६ बार नापकर
उन्होंने ये साबित भी किया.,और वो उनकी कुंडली भी बयां कर रही है वृशिक लग्न में शनि का बैठना ही बड़े योधा के गुर देता है.वैसे आज मोदी की ही ज़रोरत है
हमारे पुराने चश्मे के फ्रेम में शायद उनके नए लेंस
नई तस्वीर दिखा सके देश को. थोडा अब कुंडली पर भी नज़र डाल
ली जाये , की आने वाले कल
में हवा का रुख किस तरफ होगा.
ये मोदी जी का
सूर्य ही है जो एक
ही बार में सब चित्त कर दिया. आडवानी जी के सामने ही उनके राजतिलक का ताना बाना
बुना जा रहा है .और शायद आडवानी जी की इच्छा भी
पूरी होती नही दिख रही .किसी ने सही ही कहा है, " वक़्त का हर शय गुलाम ".
वैसे सत्ता सुख
का अपना अलग ही फितूर है अगर चढ़ जाये तो उतारे नही उतरता , शायद ऐसा कुछ भारतीय
राजनीती में दिख रहा है.ये पतंग की डोर कल किस हाथ में जाएगी ये देखना लाज़मी होगा.
बात पहले आडवानी
जी करते है ,आडवानी जी की कुंडली में २००८ से वर्गोत्तम शनि की महादशा शुरू हुई जो की जल्दी हार ना मानने का ज़ज्बा दे रही या
ये कह लीजिये पीयम पद आसानी से छोड़ने नही दे
रही.इस समय बुध का अन्तेर कोई खास फल देता नही दिख
रहा लेकिन मई २०१४ मे केतु फिर से अडवानी जो बड़ी सक्रिय भूमिका में ले आएगा ये भी
तय है.
अगर थोडा पीछे
जाये तो अडवानी जी के लिए १९८५-८६ बहुत महतवपूर्ण साल रहे और वो पहली बार अध्यक्ष
चुने गए केतु-शुक्र उस समय अंतर में आये थे.वैसे गुरु तो उनका योगकारक है और सूर्य
भी नीच भंग जो की राजनीती में सफलता के लिए ज़रोरी है .
अब बात करते है नमो नमो की
.काफी अरसे बाद ऐसा रुतबा देखने को मिल रहा की जहा नज़र दौडाओ बस मोदी ही मोदी. ऐसा
तो पहले लोगो ने सिर्फ इंदिरा या अटल जी के लिए देखा था.चलिए ले चलते विकास पुरुष की कुंडली
में .वर्गोत्तम ग्रह की दशा पर मैं हमेशा से ही बहुत जोर
देता रहा हूँ की ये बहुत प्रभावी रहती है.और वो भी
जब २५ से ५५ की उम्र तक आ जाये तो क्या कहने माशाल्लाह!!!!!
मोदी जी की उपलब्ध कुंडली पर अगर यकीन करे तो १९८५ में शुक्र ने एंट्री ली .मैंने
अभी कुछ दिनों पहले अपने ब्लॉग में लिखा था की कुछ एक्स्ट्रा आर्डिनरी करने के लिए
कुंडली शुक्र या केतु का मजबूत सपोर्ट चाइये होता
है.१९८५से २००५ ये वो दौर था जब भारत के बड़े राजनेता का उदय हुआ.और रही सही कसर
११वे घर के मजबूत सूर्य ने कर दी जो की २००५ से20११ तक चला. इस समय चन्द्रमा की महादशा है जो की नीच भंग है
और वो भी लग्न में है इसलिए कठिनाइय तो रहेंगी पर जीत निश्चित है.२०१४ में जब गुरु
आएगा तब समय और अच्छा हो जायेगा. लेकिन मई में जब चुनाव होगा तब इनके नाम पर मोहर लगने बहुत
कठिनैये आएँगी.क्योकि चन्द्र -राहू भ्रम फैलाएगा.पर उस ही समय गुरु का गोचर कर्क
राशी में मोदी जी को बचेएगा,पर राजतिलक में उस समय मोदी जो दिक्कतों सामना
करना पर सकता है.
कुल मिलाकार
लब्बो लबाब ये है की मोदी जी को बैक डोर पर डालना आसन नहीं होगा.और उनका समय इस पद के लिए माकूल भी है.हां ये बात दीगर होगी की कल ऊट किस करवट बैठेगा . क्योकि सत्ता में
हालत और दोस्त बदलने में देर नहीं लगती. चलिए अब चर्चा पर विराम लगते है .
आपका मित्र ज्योतिषी
भट्ट प्रतीक
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